

Raksha Bandhan Ki Kahani रक्षाबंधनकीकहानी Raksha bandhan Katha 03 अगस्त 2020
आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है हमारी वेबसाइट में दोस्तों सावन का महीना आते ही सभी को राखी के दिन का इंतजार रहता है राखी का इतिहास तो हमें Raksha Bandhan Ki Kahani महाभारत काल में भी देखने को मिलता है भगवान श्री कृष्ण की श्रुति भी नाम की कुछ अच्छी थी उन्होंने शिशुपाल नामक एक विकृत बच्चे को जन्म दिया था एक दिन एक आकाशवाणी से उन्हें पता चला कि जिसकी स्पर्श शिशुपाल स्वस्थ होगा !
उसी के हाथों में हमारा भी जाएगा एक दिन श्रीकृष्ण अपनी चाची के घर आए और जैसे ही श्रुति मिनी अपने बच्चे को श्रीकृष्ण के हाथों में दिया तो वह बच्चा स्वस्थ और सुंदर हो गया मानव के श्रुति देवी यह बदला देख कर खुश हो गई लेकिन उसकी मौत श्री कृष्ण के हाथों होने की संभावना थी वह विचलित हो गई वह भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करने लगी वह चाहती थी !
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भले ही शिशुपाल कितनी ही गलतियां कर बैठे पर श्री कृष्ण के हाथों उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए तब श्री कृष्ण ने कहा मैं इस की गलतियों को माफ कर दूंगा पर अगर यह 100 से अधिक गलतियां कर बैठेगा तो मैं इसे जरूर सजा दूंगा शिशुपाल बड़ा होकर सीधी नामक राज्य का राजा बन गया वह राजा भी था और श्री कृष्ण का रिश्तेदार पर वह बहुत क्रूर राजा बन गया अपनी प्रजा को बहुत सताने लगा और बार-बार श्रीकृष्ण को चुनौती देने लगा !
1 दिन उसने भरी राज्यसभा में भगवान श्रीकृष्ण की निंदा की और बस उसी दिन शिशुपाल ने अपनी शॉप इन गलतियों की सीमा पार कर दी थी तुरंत ही भगवान श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल के ऊपर प्रहार किया वह चेतावनी मिलने पर भी जब शिशुपाल नहीं बदला तो अंत में उसे उसकी सजा भुगतनी पड़ी भगवान श्री कृष्ण चक्र में अपने सुदर्शन चक्र को छोड़ रहे थे !
तो उनकी उंगली में भी चोट लग गई भगवान श्री कृष्ण के आसपास के लोग उंगली पर कुछ पाने के लिए इधर-उधर भागने लगे पर वहां खड़ी द्रौपदी ने कुछ सोचे समझे बिना ही अपनी साड़ी के कोने को पढ़कर भगवान श्री कृष्ण के घाव पर लपेट दिया श्रीकृष्ण प्यारी बहना तुमने मेरे कष्ट में मेरा साथ दिया है मैं भी तुम्हारे कष्ट में तुम्हारी रक्षा करूंगा ऐसा कहकर भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उसकी रक्षा करने का आश्वासन दिया था !
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इस घटना से रक्षाबंधन की शुरुआत हुई बाद में जब कौरवों ने पूरी राज्यसभा के सामने द्रोपदी की साड़ी खींचकर उसका अपमान करने का प्रयास किया तब भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को बचाकर अपना वादा पूरा किया था उस समय से लेकर आज तक बहनें अपने भाइयों को राखी बांध रही हैं और भैया अपनी बहन की रक्षा करने का आश्वासन देते आ रहे हैं तो दोस्तों कैसी लगी आपको आज की यह कहानी तो लाइक जरूर करें धन्यवाद !
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