

कराटेवाला Hindi Kahaniya – Panchtantra Stories
कराटे रामपेठ नाम के गांव में मंगेश नाम का व्यक्ति रहता था वह चाइना से कराटे शिखर आया था उस गांव के बच्चों को वह कराटे सिखाते हुए जीवन व्यतीत कर रहा था वह अपने हाथों को हिलाते हुए इसी तरह जोर से हाथ को घुमाते हुए करता तो Panchtantra Stories दूर पड़ेगा गिलस टूट जाते थे उसकी प्रतिभा को देखकर बच्चे ही नहीं बड़े भी ताली बजाते थे कुछ सालों बाद वह बूढ़ा हो गया !
उस गांव में एक नया पहलवान आया उसका नाम था भीम बाय मंगेश के पड़ोस में किराए पर रहने लगा वह बहुत बलवान था पर बहुत घमंडी भी था कमर को रस्सी से बांधकर बस को खींचा था बाइक को दो हाथों से उठा लेता था ऐसे कई बल का प्रदर्शन करता था उसे देख गांव के लोग ताली बजाते थे उसने कई पुरस्कार भी जीते एक दिन घर के बाहर बैठकर केले का ढेर अपने पास रख कर एक एक केला खाकर छिलके को रोड पर फेंकने लगा !
यह देख मंगेश एक एक छिलके को उठाकर टोकरी में डालने लगा है बूढ़े तुम्हें और कोई काम नहीं है तुम क्यों उठा रहे हो क्यों छिलके रोड पर कितना गलत है बेटा तुम्हें बोलूंगा तो तुम नाराज हो जाओगे झगड़ा क्यों करना है सोच कर मैं ही उठा रहा हूं यह गलत सही क्या कह रहे हो चुपचाप छिलके सड़क पर फेंक दो वह मेरे छिलके है !
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छिलके तुम्हारे हैं तो घर में रखो किसने रोका है रोड पर फेंक दोगे तो कैसे चलेगा कोई फिसल गया तो बच्चे देखेंगे तो वह भी यह गलत आदतें सीखेंगे क्या तुम यह भी नहीं जानते छिलके उठाया तो तुम्हारा क्या नुकसान है क्यों बे ज्यादा बोल रहा है इतना सा है उठा कर फेंका तो कहां गिरेगा पता नहीं क्यों चिठ्ठी छोटी होती है लेकिन 10 गुना वजन उठाती है सामने वाले को नीचा दिखाना संस्कार नहीं है यह सुनकर भीम भड़क गया क्या अबे चुबन चलाता है !
मसल दूंगा समझता क्या है अपने आपको क्या कर उसकी ओर बढ़ने लगा तब मंगेश ने एक केले के छिलके को रोड पर फेंका उसने उसमें पैर रखा और फिसल कर उछलकर जा गिरा यह देख लो हंसने लगे भीम मैं उठकर फिर मुड़ कर आगे बढ़ने वाला था रुको हम दोनों में कौन बलवान है यही देखना है यही ना यहां लोग कम हैं कल गांव के बीच में हम अपने बल का पर दर्शन करेंगे तब सारा कौन देखेगा ठीक है
हां मंगेश सही कह रहा है कल चौपाल के पास सारा गांव आएगा तुम्हारा मुकाबला होगा तो अच्छा होगा तब सारे लोग हां हां ठीक है हां हां चलाने लगे तब भीम भाई ने भी ठीक है क्या कर सर हिलाया के बीच में सारे लोग जमा हो गए वहां एक टेबल पर 10 इते को रखा तुम मुझसे बलवान होना इते को तोड़कर दिखाओ पहले बाएं हाथ से मारा इते टूटा नहीं बाद में दाहिने हाथ जोर से मारा हाथ दर्द हुआ तो मलने लगा यह देख सारे लोग हंसने लगे फिर गुस्से से दोनों हाथ से जोर से मारा उसे हाथ दर्द हुआ तो हाथ दर्द हो रहा है !
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चिल्लाने लगा तब मंगेश एक ही मार्मिक के टुकड़े कर दिया यह देख लोग ताली बजाने लगे देखो भीम भाई अभी ना मैं जीता ना तुम्हारे जो हुनर हमने सीखा है उसे चार लोगों को सिखाना चाहिए ना कि घमंडी होकर अकड़ दिखाना चाहिए तुम्हारा बस तुम्हारा है !
मेरा बल मेरा तुम वजन उठा सकते हो पर वस्तु को तोड़ नहीं सकते पर मैं तुम्हारी तरह वजन नहीं उठा सकता अपनी अपनी काबिलियत है मैं आशा करता हूं कि तुम मेरी बात को समझ कर बदलो गे तब से भीम भाई में बदलाव आया और वह अपने हुनर बच्चों को सिखाने लगा
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