
बड़ा बकरी मटन वाला, Hindi kahaniyan, hindi kahaniyan bacchon ki, hindi kahaniyan bacchon ke liye
हमीरपुर नाम के गांव में पशुपति नाम का एक चरवाहा रहता था hindi kahaniyan bacchon ki वह हर रोज अपने भेड़ बकरियों को जंगल में चरने के लिए ले जाता दिन भर चलने के बाद शाम को उन्हें लेकर वापस घर लौटता था जब बकरी खा पीकर खूब तंदुरुस्त होकर बड़े हो जाते हैं तो उन्हें कसाई के पास ले जाकर भेजता था तो पशुपति लालची था !
पैसों के लिए वह घटिया काम करने से पीछे नहीं हटता था इसीलिए अपनी बकरियों को मटन शॉप ले जाने से पहले वजन बढ़ाने के लिए उनके गले में कोई भारी चेंज बांध देता था और उसी डिजाइन का एक अलका चाहिए हाथ में लेकर दुकान पर जाता था वहां बकरी को कांटे तोलने से पहले दुकानदार उसे देखकर अरे यह क्या पशुपति भाई जब बकरी का वजन खोलते हैं !
तो उसके शरीर में कुछ नहीं होनी चाहिए ऐसा हुआ तो वजन में फर्क है उसके गले में वह चीज क्या है उसे निकाल दो अरे क्या बोलते हो भाई क्या मैं यह नहीं जानता उसके गले में ताबीज वाला चेन है से निकालना ठीक नहीं है वैसे भी उसका भार कितना होगा 10 ग्राम से ज्यादा नहीं है चाहो तो इसी चैन की तरह मेरे पास एक और चीन है !
इसका वजन करके देख लो तुम्हें पता चल जाएगा क्या कर अपने पास से नतीजे निकाल कर दिया उसने उसका वजन खोलकर देखा तो काफी हल्का था और 10 ग्राम कभी नहीं था 10 ग्राम भी नहीं है भैया अब कोई बात नहीं मैं अब तुम्हारी बकरी का वजन तोलने कर पैसे देता हूं पशुपति हर बार कोई न कोई चल कर धोखा देकर पैसे कमाता था
हिंदी कहानियां,bhindi kahaniyan new, hindi kahaniyan hindi kahaniyan
एक बार पशुपति हर बार कोई न कोई चाल चलकर दुकानदारों को टक्कर पैसे कमाना मुश्किल हो रहा है इन बकरों का वजन भी नहीं बढ़ रहा है समझ में नहीं आता कि क्या करूं ऐसा उसने सोचा एक बार वह बकरियों को ले जा रहा था कि उसे एक जड़ी बूटियों का खेमा दिखाई दिया उसके पास एक आदमी और आओ भाई और हिमालय से लाए गए जड़ी बूटियां है तो कोई भी बीमारी हो उसका इलाज कर देते हैं !
कोई भी रोग होतो से दूर भगा देते हैं क्या आप अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर काटते काटते परेशन हैं लाभ के चक्कर काट काट कर पैसे बांट चुके हैं और इसकी जरूरत नहीं है ऐसा कोई दवाई नहीं है जो हमारे पास ना हो क्या आप सुंदर बनना चाहते हैं या आप चाहते हैं कि आपके बाल लंबे और घने हो क्या आप वजन बढ़ाना चाहते हैं या बढ़ाना चाहते हैं और मर्ज की दवा है हमारे पास और भैया
आवाज रहा था विश्व प्रति उसकी बातों से आकर्षित हुआ वह तुरंत उसके पास जाकर आया मेरे भाइयों का वजन बढ़ाने के लिए तुम्हारे पास कोई दवाई है काहे था ऐसी कोई दवाई नहीं है जो मेरे पास में ना हो संता जैसे बकरी वाले शरीर को एस्ट्रोलॉजर नेकेड बॉडी की तरह बना सकता हूं वह दवाई है
मेरे पास यह लो यह दवाई हर रोज एक हफ्ते के लिए बकरी को खिलाओ हफ्ते भर बाद देखो इतनी मोटी हो जाती हैं पर ज्यादा दवाई पिलाओगे तो बहुत मोटे हो जाएंगे ध्यान रहे इसकी कीमत ₹5000 है !
पशुपति ने खुश होकर उसे पैसे देकर 5000 तो ज्यादा है पहले एक बकरी पर इसका प्रयोग करता हूं अगर यह काम कर गया तो बाकी बकरीयों के लिए भी मैं लेकर जाऊंगा
एक बकरी को चुना और वह जब घास हटाने जाती तो उस घाट पर दवाई छिड़क तथा रोज हर रोज करने लगा तो वह जल्द ही बहुत बड़ी हो गई 1 दिन पशुपति यह सच है सपना से मैं बाजार रह गया तो लोग इसे खरीदने के लिए टूट पड़ेंगे पर 5000 खर्च किया है ना इसे थोड़ा और बड़ा करना होगा जो दवाई है !
सारा ऐसे ही डाल कर देखिए कितनी बड़ी होती है ऐसा उसने सोचा फिर बाद में उस सारी दवाई उस बकरी के सामने घास में डाल दिया घास तो खा गई अगले दिन पशुपति ने बकरी को देखा तो वह दंग रह गया वह बहुत विराट रूप धारण कर चुकी थी वो खुश होकर उसे लेकर बाजार की ओर जा रहा था तो गांव वाले हैरान होकर
hindi kahaniyan acchi, hindi kahaniyan audio, hindi kahaniyan acchi si, hindi kahaniyan bachon ki
देखने लगे दुकान के पास दुकानदार बाप रे यह बकरी है या दान और इतनी बड़ी बकरी को खरीदकर मैं क्या करूंगा इसे देख कर यूं लगता है कि वही हमें मार डालेगी तो मुझे नहीं चाहिए भैया तुम इसे और कहीं ले जाओ एक और दुकानदार भैया इसे 10 गांव के लिए बिरयानी खिला सकते हैं इतना ज्यादा मटन मैं 1 दिन में कैसे भेजूंगा मेरे पास बेकार हो जाएगा !
अगर साधारण बकरी हो तो बताओ खरीद ता हूं पशुपति समझ नहीं पाया कि क्या करें और उसने सिर पकड़ लिया उसे जितना मर्जी घास डालो उसे खाकर वह बकरी फिर से भूख से कैसे चिल्लाती रहती थी उसके बाद गांव में जाकर सब्जी के ठेले और फलों की रेडी खाली करने लगी नतीजा यह हुआ कि गांव वालों ने आकर पशुपति को खूब मारपीट कर पैसे वसूल करके जाते थे !
आखिरकार हार मानकर पशुपति उस बकरी को लेकर जड़ी बूटी वाले के पास गया उसे अपना हाल समझाया तब देखो भैया लालच का नतीजा दुखी देता है जो कुछ है उसमें कुछ ना होकर लालच करोगे तो अपने दुख ही रह जाता है !
यह लो यह दवाई उसे हर रोज खिलाओ यह फिर से साधारण अवस्था में आ जाएगी यह मत समझना कि मैं मुफ्त में दे रहा हूं इसकी कीमत भी ₹5000 ही है पशुपति लाचार होकर उसे ₹5000 देकर दवाई ले लिया इस बकरी को दवा की खुराक देने लगा तो फिर से वो सादर अवस्था मैं लौटाई लालच छोड़कर नियम जीवन व्यतीत करने लगा !
- Kahani बहू हुई गंजी – Story in Hindi, moral Story Hindi
- जादुई चक्की Moral Stories-Panchtantra Storys
- जादुई पम्प सोन के सिक्के, हिंदी कहानिय Hindi Kahaniyan
Tags: hindi kahaniyan bacchon ki, hindi kahaniyan video hindi, kahaniyan fairy tales hindi, kahaniyan download hindi, kahaniyan bacchon ke liye हिंदी , कहानियां hindi kahaniyan new hindi, kahaniyan hindi kahaniyan hindi, kahaniyan acchi hindi kahaniyan,v aj hindi kahaniyan audio hindi, kahaniyan app hindi kahaniyan, acchi si hindi kahaniyan aur hindi, kahaniyan a jaaye hindi kahaniya, apk the hindi kahaniyan hindi, kahaniyan bahut sari hindi, kahaniyan bachon ki
Pingback: शेर और चूहे | Lion and the Mouse in Hindi | Hindi kahaniyan
Pingback: कौवा और चिड़िया Kauwa Aur Chidiya | Hindi Kahaniya For Kids | Hindi Stories For Kids - stories in hindi for kids